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पुरुष और नारी, सृष्टि की, दो अनुपम कृतियाँ, प्रज्ञा पूर्ण अलौकिक, नारी कोमलांगी, ममत्व नेह से परिपूर्ण, जीवन सृजन का विशेष कार्य, वह पूर्णतया सफल!!! पुरुष निष्ठुर, कठोर हृदय, भावनाओं पर ...