मर्यादा

1 Part

30 times read

6 Liked

 पलकें झुकाकर चलो, घूँघट गिराके चलो,  जीवन भर अपनाना, सारे संस्कार।  क्यों सारी मर्यादा बनी बस औरत के लिए। पुरुष के नाम पर, न कोई संस्कार। यह मर्यादा नही, जंजीरे हैं। ...

×