मशाल

1 Part

425 times read

5 Liked

........मशाल ...... बढ़ रह सैलाब इधर तुम्हे अभी रहनुमा चाहिए उठा लो खड़ा हाथों मे तुम अब हमे निजी सुरक्षा चाहिए.. लगी आग जिन घरों मे देखो भीतर से खिंचती बेटियां ...

×