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छिपाकर दर्द कई दिल में, ठहर जाती है होठों पर। मधुर मुस्कान चेहरे की, बज़्म में रंग जमाती है। कत्ल करते हैं इस दिल को, वो अल्फाजों के ख़ंजर से, छिपाकर ...