1 Part
239 times read
26 Liked
नव नूतन आशा रश्मि बिखरी दिशि चहुंओर, क्षितिज से आई सलज्ज मनभावन सी भोर। प्रफुल्ल उल्लिसित होकर तन मन महक उठा, नई रोशनी का स्वागत मन मयूर मचल उठा, आसमान से ...