बहुत कुछ होता

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🍃 ज़ेहन ज़िंदान न होता तो बहुत कुछ होता मैं परेशान न होता तो बहुत कुछ होता बद-सुलूकी तेरी बर्दाश्त किये जा रहा हूँ तू जो मेहमान न होता तो बहुत ...

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