1 Part
261 times read
29 Liked
🍃 ज़ेहन ज़िंदान न होता तो बहुत कुछ होता मैं परेशान न होता तो बहुत कुछ होता बद-सुलूकी तेरी बर्दाश्त किये जा रहा हूँ तू जो मेहमान न होता तो बहुत ...