सिसकी

1 Part

230 times read

15 Liked

कौन सुने सिसकी इस मन की, बीते वक्त की बात हुई। सदियाँ बीत चुकी हैं अब तो, कब अन्तर्मन से बात हुई। याद नहीं आता है वह पल, कब हमने दर्पण ...

×