चिंगारी

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चिंगारी------- मुक्तक--------- चिंगारी किसी के सीने में दबी हुई है ज़रूर उठनी चाहिए।। नारी पर हो रहे अन्याय अनाचार की शम्मा जलनी चाहिए।। अबला अब सबला का सशक्त चंडी रुप धारण ...

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