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चमचा! हाँ बिन चमचा, कोई चले न काम! गर्मागर्म खीर बन गई, चमचे से मनुहार कीजिए! कटोरियों में परस-परस कर, चमचा डूब-डूबकर खाए! चाटुकारिता की फुलझड़ियाँ, मलाई चाट-चाट भड़काए! कितना खाली ...