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मधुर स्वभाव से रिश्ते महके, मन का मैल पिघल जाए। तन-मन पुलकित हँसी खुशी से, मेघ प्रेम रस बरसाए। क्या है तेरा मेरा जग में, चार दिन का बसेरा है, सद्कर्मों ...