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पाप पुण्य एक सिक्के जैसे, जिसके दो पहलू होते हैं, पुण्य करें तो राहत मन में, जन पाप करें वे रोते हैं। पुण्य कस्तूरी कुरंग जैसा, जाए जहाँ महकता कानन, पाप ...