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*नारी* नारी के रुप अनेक, पुरुषार्थ का हटाकर ऐनक देख। प्रेम का गीत वो, आत्म विश्वास का रगों में संगीत वो, बलिदान का दूसरा नाम वो, हर रिश्तें को दुलार से ...