1 Part
264 times read
8 Liked
दोहे(दौलत) दौलत पाकर मित्रवर!,करना नहीं घमंड। रहना सदा विनम्र ही,वरन मिलेगा दंड।। धन-दौलत की अकड़ से,हो शुचि भाव-अभाव। जब अभाव हो भाव का, रहता सदा तनाव।। दौलत हो यदि प्रचुर तो,करें ...