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*!! जय श्री राम राघवेन्द्र!!* भय प्रकट दशरथ सुत राम भव भयहारी, सुमङ्गल जनमनहारी कौशल्या हितकारी! भक्तन के तारन हारे गो द्विज उद्धार करे, दानव दलन भूमि भार हरण अवतार धरे! ...