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मुसाफ़िर सच्ची राह का मुसाफ़िर हूँ, सहरा-सहरा बढ़ते जाना है, लगन लगी है मंजिल की, साहिल से भी टकराना है। स्वरचित-सरिता श्रीवास्तव "श्री" धौलपुर (राजस्थान) ...