वहशती लोग गुल औ ख़ार में खो जाते हैं रिश्ते अल्फ़ाज़ की दीवार में खो जाते हैं हार का ख़ौफ़ हमें जीतने देता ही नहीं जीत की याद नहीं , हार ...

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