1 Part
22 times read
2 Liked
त्रिपदियाँ हे रघुनंदन,तेरा वंदन, तुमसे ही है जग में नंदन। विश्व करे तेरा अभिनंदन।। वीणा-वादिनि, तुम्हें प्रणाम, सकल कला की तुम्हीं हो धाम। मिले अपार सुख लेते नाम।। चहुँ-दिशि फैला है ...