लेखनी कहानी -21-May-2024

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जो मुझे भाता नहीं है उसको मैं सोचूं ही क्यों? जो मेरा अपना नहीं है, उसको मैं सोचूं ही क्यों? उसको लगती है नसीहत की मेरी बातें बुरी! उसको समझाना नहीं ...

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