आज की औरतें चाय की तरह कड़क हैं  पक पक कर स्वादिष्ट हो गयीं ज़िन्दगी जीने में माहिर हो गयीं दूध बन कर ससुराल आयी थीं  अदरक की तरह कूटी गयीं ...

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