सोना हैं,या चांदी हैं, कलंदर,तेरी आंखें।मशरूब की मस्ती हैं,समंदर तेरी आंखें।यूं तो हैं ज़माने में हस

0 Part

27 times read

2 Liked

सोना हैं,या चांदी हैं, कलंदर,तेरी आंखें। मशरूब की मस्ती हैं,समंदर तेरी आंखें। यूं तो हैं ज़माने में हसीं और भी मंज़र। है नक्स जहनों दिल में पर दिलबर तेरी आंखें। मुंतजि़र ...

×