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इक बोझ तले मैं ज़िंदा हूँ। नहीं आज़ाद परिंदा हूँ। फिर भी तेरी आँखों में आदमी नहीं दरिंदा हूँ। सब-रिश्ते नाते छोड़ दिए। सब-क़स्मे वादे तोड़ दिए। फिर भी तेरी आँखों ...