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🌹🌹**ग़ज़ल**🌹🌹 उनका रंग-ए-हिना देख कर। क्या करें आइना देख कर। मेह़वे ह़ैरत है डल-झील भी। उनका तर्ज़-ए-शिना देख कर। दिल धड़कता है हरपल मिरा। फ़र्क़े-फ़ुक़्र-ओ-ग़िना देख कर। वाक़िया हम को इबलीस ...