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वो खपरैल का घर, वो मिट्टी की गंध, उन मीठी बातों को लौटाओ ना। ओ मेरे बचपन! तुम लौटकर आओ ना। वो गौरैया की धुन, उस गिलहरी के संग, उन संगी-साथियों ...