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हाँ परिवर्तन ही देखा है.... हर उम्र के साथ प्यार का.…. बचपन में माँ को ही अपनी दुनिया मानता बेफिक्र हो घूमता आसपास उसके.... ज़िद करता, फरमाइशें करता..... न जाने कैसे ...