उम्मीद

1 Part

342 times read

4 Liked

गम पसरे इस माहौल में आ बैठी हूँ इस बाग में दूबों पर अब भी ओस है हवाओं में भी ठंढक है पंछी गाते हैं , कुछ समझाते हैं उम्मीदें धीरे ...

×