ताज़महल

1 Part

365 times read

6 Liked

ताजमहल कितनी सदियाँ बीत गईं , कितने जमाने बदल गए। मोहब्बतों के न जाने कितनेे, अफसाने बदल गए। कितनीे  बदलीं रियासतें, कितने शहंशाह गए बदल। यमुना के किनारे आज भी ,शान ...

×