ग़ज़ल15-Dec-2021

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मेरा महबूब माह पारों में। हम उलझते नहीं सितारों में। 💖 जौहरी सा मुझे तराशा है। तेरी तखलीक हूं हजारों में। 💖 चांद किस बाम पर निकलता है। अब तो चर्चे ...

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