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जननी जन्मभूमि ( काव्य ) हाय! जननी जन्मभूमि छोड़कर जाते हैं हम, देखना है फिर यहां कब लौट कर आते हैं हम स्वर्ग के सुख से भी ज्यादा सुख मिला हम ...