लक्ष्य

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 कविता शीर्षक - लक्ष्य ************* अधूरे से स्वप्न और अधपकी उम्र थी मैं लड़की इतनी भी कमजोर न थी अंतहीन संघर्ष के बाद का था नव हर्ष इतने आसान नहीं थे ...

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