शिखर

1 Part

142 times read

8 Liked

जीत भी तुम्हारी और हार भी तुम्हारी, सपने भी तुम्हारे और उन्हें शिखर तक पहुँचाने की  तमाम कोशिशें भी तुम्हारी। जब तक जीवित है तुम्हारे भीतर तुम्हारा आत्मविश्वास, मुझे यकीन है ...

×