1 Part
369 times read
7 Liked
" जिंदगी " अन्तर्मन की पीड़ा को, समाहित कर, नव पल्लवित, आम्र तरु, नव जीवन की, श्रृंखला का, ये सोपान लिए, धरा पर, उतर आया, प्रफुल्लित हो, अपनी पहचान लिए । ...