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इश्क का अपने तिजारत भी नहीं कर सकते। दूर वह इतना जि़यारत भी नहीं कर सकते। 💖 हाकिमें वक्त तेरा फैसला मंजूर नहीं । पर मुलाज़िम हैं,बगा़वत भी नहीं कर सकते। ...