कलम

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कलम-  बेजुबान की जुबान हो तुम, बेहसाय कि सहारा हो तुम, निर्दोष की हिम्मत हो तुम, लेखक की शान हो तुम। तुम ही तो, कागज को नया रूप देती हो। तुम ...

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