Fasle

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फ़ासले   दरमियाँ   हो   गये, वज्द  में   दुशमनां  हो   गये। जाने  वह कौन  सी बात थी, जिससे वह बदगुमां हो  गये। अहद-व-पैमान जितने भी थे जैसे  आतश-फ़शां  हो  गये। ज़ीस्त की वज्ह ...

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