ग़ज़ल

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एक है मुझको मुहब्बत तुमसे। एक है तुमको अदावत मुझसे। मस'अला जो भी हो बे–पर्दा हो सिर्फ़ तुमको है शिकायत मुझसे। हम तो आएंगे उसके ख्वाबों में। जिसने चाहा है मुहब्बत ...

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