श्यामा

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कभी तो सुन ले साँवरिया,  मेरे हृदय की करुण पुकार,  मेरा जीवन, प्राण, प्रण, तू ही मुक्ति का आधार।  कभी तो सुन ले साँवरिया मेरे हृदय की करुण पुकार,  बावरी बन ...

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