प्रकर्ति

1 Part

171 times read

4 Liked

*प्रकार्ति*  ये जो आसमान है थोड़ा नीला है !  देखो ना बदलो का पहला है !  ये जो झेल है खुशी की कतर है !  देखो ना सुंदर जीवो का इसमे ...

×