विदाई

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जिसके आने से घर गुलशन सा महके। जिसकी किलकारी सुन के पंछी चहके। जिसके आते ही पत्थर भी देव बने। जिसके सपनों की खातिर यह जेब बने। जिसने जीवन को प्रबंधन ...

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