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पहचान गुमनाम शहर का किस्सा बनकर ना रह जाऊँ .... कागज़ की नाँव बनकर ना बह जाऊँ .... जी गए हजारों गुमनामी में ... क्यू उनकी कतार में अपना नाम मै ...