जीवन मिसरा किसी और का है, पर कैफियत मेरी अपनी कल मिला वक़्त तो जुल्फें तेरी सवारुंगा। आज उलझा हूं उलझे वक़्त को सुलझाने में।। और वक़्त की गांठें सुलझाते सुलझाते, ...

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