आवारा आवारों का कौन ठिकाना बंजारों सा कौन दीवाना जहां मिले दिल बस जाएं रात गुजारें दिन निकले और बस जाएं। बादल जैसी अपनी फितरत उड़ते फिरते हवा के संग संग ...

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