1 Part
285 times read
22 Liked
आरंभ एक अंत नही आरंभ है ये एक नई सुबह प्रारंभ है ये है पसरा चारों ओर ही मौन नहीं पास कोई करे बात भी कौन। माना है अंधकार घनघोर बड़ा ...