दीवाना

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मेरे हिस्से आई अब तक कोई सुबह या शाम नही!  मैं उसका दीवाना हूँ और एक पल को आराम नही!  सुबह सवाली बन जाती है रात डराती है मुझकों!  याद उसे ...

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