बरसात

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बरसातों में शब भर भीगे भोर के मंज़र प्यासे हैं!  हमने जो भी गढ़े प्यार के सारे पैकर प्यासे हैं!  एक नशा सा घोल रहे हैं सबके मन मे ये लेकिन!  ...

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