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ये सरासर ग़लती की है, जो आपने रौशनी की है। लगाके दिल तुझसे सबने, मेरी तरहा शायरी की है। आबशार की हयात तुमने, तुमने फिर तिश्नगी की है। हौले से मुस्कुराकर ...