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#यादों के झरोखे सुबह से शाम हो गई है इंतिजार में ऐ मेरे ख़ुदा... अब तरस खा मुहव्वत की बरसाते कर ©® प्रेमयाद कुमार नवीन जिला - महासमुन्द (छः ग) ...