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मेरा सोया हुआ अरमां जगाया है मुक़द्दर ने। कहां लाकर के फिर उनसे मिलाया है मुक़द्दर ने। 🌹 तुम्हारा भी ना हो पाया,जो अपना भी ना हो पाया। न जाने किस ...