आजादी

1 Part

380 times read

10 Liked

मुक्त हवाओं का परिंदा बन ऊडना चाहूँ  पंख फैलाकर आसमान को चूमना चाहूँ  बादलों पर पैर रख चाँद को छु लूँ  टिमटिमाते तारों संग झूम लूँ  ख्वाहिशे बेहिसाब दिल में सजी  ...

×