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है सुनिश्चित जनम मरण, मनवा क्यों तू सोंचे। चिंता से चतुराई घटे, केश बिरथा क्यों नोंचे।। कर्म तेरा अधिकार है, फल की चिंता छोड़। भर भर देंगे ईश्वर तुमको, कर्म से ...